कर्ज माफी योजना: राज्य के 29 जिलों के किसानों का होगा कर्ज माफ
किसी भी फसल की खेती के लिए किसानों को बीज, खाद, कीटनाशक, कृषि यंत्र आदि खरीदने के लिए पैसों की आवश्यकता होती है। इसके लिए किसानों को कर्ज लेना पड़ता है। सरकार की ओर से किसानों को सस्ता ऋण उपलब्ध कराया जाता है। लेकिन कई बार सूखा, बाढ़, अति बारिश, बाढ़, ओलावृष्टि के कारण फसल खराब हो जाती है और किसान अपना कर्ज चुकाने में असमर्थ हो जाते हैं। किसानों की इस परेशानी को ध्यान में रखते हुए कई राज्य सरकारें किसानों का पुराना कर्ज माफ कर रही हैं। इसी क्रम में अब महाराष्ट्र सरकार भी किसानों के पुराने कर्ज माफ कर रही है। इसके लिए महाराष्ट्र सरकार की ओर से राज्य के किसानों के लिए महात्मा ज्योति राव फुले कर्ज मुक्ति योजना चलाई गई है और इसी योजना के तहत महाराष्ट्र सरकार किसानों के कर्ज माफ कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस योजना के तहत सरकार राज्य के ऋणी किसानों के खाते में 50 हजार रुपए की सब्सिडी जमा करेगी। कर्ज माफी का लाभ 29 जिलों के किसानों को मिल सकेगा। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में आपको महाराष्ट्र सरकार की महात्मा ज्योति राव फुले कर्ज माफी योजना (Karj Mafi yojana) की जानकारी दे रहे हैं ताकि राज्य के किसान इससे लाभान्वित हो सकें
महाराष्ट्र सरकार की ओर से महात्मा ज्योति राव फुले योजना के तहत किसानेां को कर्ज माफी योजना का लाभ दिया जा रहा है। इस योजना के तहत किसानों के पुराने कर्जें माफ किए जा रहे हैं। इसके लिए किसानों को सरकार की ओर से किसानों का कर्ज माफी दी जा रही है। वहीं जो किसान बैंक से लिया गया कर्ज चुका देता है उसके खाते में 50 हजार रुपए बतौर सब्सिडी जमा कराई जाएगी। यह अहम फैसला महाराष्ट्र सरकार ने किसानों और बैंक के हित में लिया है। यहां बता दें कि इस योजना के तहत उन किसानों के कर्ज ही माफ किए जाएंगे जिन्होंने शिखर भूविकास बैंक से ऋण ले रखा है। इस योजना का लाभ 29 जिलों के करीब 34 हजार 788 किसानों को मिलेगा।
जिन किसानों ने बैंक से लिए गए पुराने कर्ज को चुका दिया हैं उन्हें महाराष्ट्र सरकार की ओर से 50 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। इस प्रोत्साहन राशि का भुगतान किसानों के खाते में किया जाएगा। महात्मा ज्योति राव फुले कर्ज मुक्ति योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार किसानों को ये प्रोत्साहन राशि जिस आधार पर दी जाएगी उसका विवरण इस प्रकार से हैं-
नियमित ऋण अदायगी करने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि प्रदान करने हेतु वर्ष 2017-18, वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2019-20 की अवधि पर विचार करने का अनुमोदन किया गया। जिन किसानों ने फसल ऋण लिया है और इन तीन वित्तीय वर्षों में से किन्हीं दो में नियमित रूप से भुगतान किया है, उन्हें इस योजना के लाभ के लिए अनुमोदित किया गया है।
यदि वित्तीय वर्ष 2017-18 में लिये गये अल्पकालीन फसली ऋण की पूर्ण चुकौती 30 जून, 2018 तक कर दी जाती है, तो वित्तीय वर्ष 2018-19 में लिये गये अल्पकालीन फसली ऋण की पूर्ण चुकौती 30 जून, 2019, वर्ष 2019-20 तक कर दी जाती है। यदि इस वित्तीय वर्ष के दौरान लिया गया अल्पावधि फसली ऋण 31 अगस्त, 2020 तक या तीनों वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 में फसल अवधि के अनुसार ऋण चुकौती की देय तिथि तक पूरी तरह चुकाया जाता है बैंक की स्वीकृत नीति के अनुसार, जो भी बाद में हो। यदि देय तिथि से पहले ऋण का पूरा भुगतान (मूलधन+ब्याज) कर दिया जाता है, तो ऐसे किसान को लाभ के रूप में अधिकतम 50 हजार तक की प्रोत्साहन राशि स्वीकृत की जाएगी। हालांकि, वर्ष 2018-19 या 2019-20 में लिए गए और पूरी तरह से चुकाए गए अल्पावधि फसल ऋण की राशि 50 हजार से कम होने पर ऐसे कृषकों को उनके द्वारा वर्ष 2018-19 अथवा वर्ष 2019-20 में वास्तव में लिए गए अल्पकालीन फसली ऋण की मूलधन राशि के बराबर प्रोत्साहन राशि देने की स्वीकृति दी जाती है।
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