भूलेख सत्यापन और ई- केवाईसी में अटकी 1.90 लाख किसानों की सम्मान निधि न्यू अपडेट 2022-23
बाराबंकी। भूलेख सत्यापन और बैंक खातों की ई-केवाईसी न होने से सम्मान निधि की 12वीं किस्त से 1.90 लाख किसान वंचित रह गए। तीन दिन पहले किस्त जारी होने के बाद जब खाते में राशि नहीं पहुंची तो परेशान किसान बैंक से लेकर जिला मुख्यालय तक के चक्कर काट रहे हैं। मगर, हेल्प डेस्क पर मौजूद कर्मचारी किसानों को सम्मान निधि न पहुंचने का कारण बता नहीं पा रहे है। इसके चलते किसान इधर-उधर भटक रहे हैं।
जिले में पांच लाख सात हजार किसान पीएम किसान पोर्टल पर पंजीकृत हैं। इसमें से चार लाख 40 हजार किसानों का भूलेख सत्यापन पूरा होने के बाद डाटा पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। सोमवार को किसान सम्मान निधि की 12वीं किस्त भी जारी कर दी गई।
मगर, बैंक खातों की ई-केवाईसी न कराने पर एक लाख 20 हजार और भूलेख सत्यापन न होने वाले करीब 70 हजार किसानों के खाते में सम्मान निधि नहीं पहुंची। इसके समाधान के लिए जारी टोल फ्री नंबर और कृषि विभाग के ब्लॉक स्तर से लेकर जिला मुख्यालय तक कार्यालय में बनाए गए हेल्प डेस्क पर किसान रोजाना पहुंच रहे हैं।
निंदूरा क्षेत्र के किसान रिंकू, सुरेश और शिव प्रसाद का कहना है कि टोल फ्री नंबर 18008896868 पर सम्मान निधि की जानकारी करने का प्रयास किया। मगर, बात ही नहीं हो सकी। वहीं सिद्धौर के हेल्प डेस्क पर सम्मान निधि न आने पर यूनुस, रामहेत और गजराज पहुंचे। यहां तैनात कर्मचारी सम्मान निधि न आने का सही जवाब तो नहीं दे सके। विभाग के पास यह भी आंकड़ा नहीं है कि किसानों के खातों में किस कारण से सम्मान निधि नहीं पहुंची।
चार साल खाया धक्का, अब नए सिरे से आवेदन
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के पात्र करीब 25 हजार किसान चार साल से धक्के खा रहे हैं। मगर, उनको सम्मान निधि की एक भी किस्त अभी तक नहीं मिली। इनके सत्यापन में जिम्मेदारों की एक गलती ने इन्हें अपात्र बना दिया। उसके बाद अपने को पात्र घोषित कराने के लिए किसानों ने ब्लॉक से लेकर तहसील और जिला मुख्यालय व बैंक तक के चक्कर चार साल से काट रहे हैं।
इस दौरान उन्होंने करीब 10 बार अपने अभिलेख भी जिम्मेदारों का थमाए। मगर, अभी तक इनकी समस्या का जिम्मेदार निराकरण नहीं कर पाए। ऐसे किसानों का डाटा पोर्टल से डिलीट करने के बाद अब नए सिरे से आवेदन मांगे गए हैं। ताकि उनका सत्यापन कर सम्मान निधि का लाभ मिल सके
सम्मान निधि की किस्त करीब चार लाख 28 हजार किसानों के खाते में भेजे जाने का अनुमान है। अभी किसानों के खाते में राशि पहुंच रही है। पोर्टल पर आंकड़ा उपलब्ध होने पर ही स्थिति स्पष्ट होगी। हालांकि जो किसान पहले से अपात्र दर्ज हैं या फिर उन्होंने अभी पंजीकरण नहीं कराया है। वह नए सिरे से पंजीकरण करा लें। सत्यापन के बाद उन्हें योजना का लाभ मिलेगा।
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