Agriculture Census: किसानों के लिए खुशखबरी, अब सीधे फोन और टैबलेट से होगी कृषि गणना 2022
भारत की 11वीं कृषि गणना (2021-22) की शुरुआत हो चुकी है. गणना में लिए गए डाटा के बेस पर सरकार खेती से संबंधित योजनाएं बनाने में सहायता मिलेगी. बढ़िया बात यह है कि पहली बार कृषि गणना का डाटा सीधे फोन और टैबलेट से लिया जाने वाला है. जिससे आप किसी भी समय पर डाटा देख सकते है. गणना में भूमि उपयोग, फसल पैटर्न, सिंचाई की स्थिति, किरायेदारी पर जमीन लेकर खेती, पट्टे पर जमीन लेकर खेती और कृषि योग्य जमीन के घटते-बढ़ते आकार का पता चल सकेगा. किस वर्ग और सामाजिक समूह के किसानों के पास कितनी जमीन है इस बात की जानकारी भी मिल सकेगी.
इसके द्वारा सरकार विकास योजनाएं, सामाजिक-आर्थिक नीति निर्माण और राष्ट्रीय प्राथमिकताएं तय की जा सकेगी. गणना को शुरू बुकलेट के विमोचन के साथ केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने द्वारा किया गया. दिल्ली स्थित कृषि भवन में एक कार्यक्रम दौरान तोमर ने बताया कि इस गणना से भारत जैसे विशाल और कृषि प्रधान देश में व्यापक लाभ मिलेगा. दसवीं गणना के अनुसार देश में 14,64,53,741 ऑपरेशनल लैंड होल्डिंग है. जिसमें महिलाओं के नाम 2,04,39,148 लैंड रिकॉर्ड भी हैं.
गणना के लिए ऐप और पोर्टल किया शुरू
तोमर ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उठाए गए ठोस कदमों का फल कृषि क्षेत्र को दिया जा रहा है. हमारा देश तेजी से डिजिटल एग्रीकल्चर की ओर बढ़ता जा रहा है. यह समय इस गणना में टेक्नोलॉजी का भरपूर उपयोग करने का भी है. उन्होंने बताया कि कृषि गणना को लेकर आगे और व्यापक फलक पर सोच रखनी चाहिए. इसमें फसलों की मैपिंग से भी लाभ मिलेगा. उन्होंने गणना के लिए डाटा संग्रह पोर्टल और ऐप शुरू किया है.
अगस्त में शुरू होगा वर्क
कृषि संणना पांच वर्ष में होती है. जो कोरोना महामारी के कारण अबकी बार लेट है. पिछली गणना 2015-16 में की गई थी. जिसके डाटा के आधार पर अभी कृषि विभाग की योजनाएं चलाई जाती हैं. कृषि गणना का फील्ड वर्क अगस्त 2022 शुरू किया जाएगा. इसमें ऑपरेशनल लैंड होल्डिंग, क्षेत्र, उनके आकार वर्ग-वार वितरण, भूमि उपयोग, किराएदारी और फसल पैटर्न की जानकारी मिलेगी.
पहले से आसान होगा डाटा
अधिकांश प्रदेशों ने अपने लैंड रिकॉर्ड और गिरदावरी का डिजिटलीकरण किया है, जिससे कृषि गणना के आंकड़ों को जुटाने में और तेजी भी आएगी. डिजिटलीकृत लैंड रिकॉर्ड और डाटा एकत्र करने के लिए मोबाइल ऐप के उपयोग से देश में ऑपरेशनल लैंड होल्डिंग का डाटा बेस बनाया जाएगा. इसे लेकर मंत्रालय में वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप का प्रजेंटेशन भी दिया गया.
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