PM Kisan Yojana वेबसाइट में 12, करोड़ों किसानों का आधार डेटा लीक? कई महीने बाद ठीक हुई दिक्कत
PM Kisan Yojana: किसानों की मदद के लिए तैयार की गई योजना की वेबसाइट से करोड़ों किसानों का डेटा लीक हुआ है. एक रिपोर्ट में इसका खुसाला हुआ है. किसानों के आधार कार्ड से जुड़ी जानकारी वेबसाइट की खामी की वजह से लीक हुई है. आइए जानते हैं पूरा मामला.
PM Kisan Yojana की वेबसाइट से करोड़ों किसान का डेटा लीक
आधार कार्ड से जुड़ी डिटेल्स हुईं लीक
अब ठीक कर ली गई है दिक्कत
PM Kisan योजना के बारे में आपने सुना होगा. इस योजना का नाम प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi) भी है. रिपोर्ट्स की मानें तो पीएम किसान योजना की वेबसाइट से 11 करोड़ किसानों के आधार कार्ड का डेटा लीक हुआ है. इसकी जानकारी एक सिक्योरिटी रिसर्चर ने दी है.
अतुल नायर ने अपनी पोस्ट में बताया है कि PM-Kisan वेबसाइट के डैशबोर्ड फीचर में एक ईंडपॉइंट है, जहां से रीजन बेस्ड किसानों का आधार नंबर एक्सपोज हो रहा है. इस डेटा का इस्तेमाल साइबर अटैकर्स आसानी से कर सकते हैं.
लीक डेटा में क्या-क्या शामिल?
नयार एक सिक्योरिटी रिसर्चर हैं और उनके लिंक्डइन पेज के मुताबिक वह केरल पुलिस साइबरडोम के लिए वालंटियरिंग करते हैं. उन्होंने बताया कि उनके हाथ किसानों के आधार से जुड़े डेटा का एक छोटा सैंपल लगा है.
इस सैंपल में किसानों के ,आधार नंबर दूसरे डेटा की डिटेल्स मौजूद हैं. उन्होंने इस डेटा को TechCrunch से शेयर किया, जिसका दावा है कि उन्होंने पीएम किसान वेबसाइट के फाइंडर टूल की मदद से लीक डेटा को मैच किया है.
किसानों की मदद के लिए है ये योजना?
बता दें कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना सरकार की ओर से किसानों की मदद के लिए उठाया गया एक कदम है. इस योजना के तहत किसानों को साल में 6000 रुपये की सरकारी मदद मिलती
इसमें रजिस्ट्रेशन के लिए किसानों के आधार डेटा की जरूरत होती है. आधार नंबर 12 अंक का यूनिक नंबर होता है, जो हर भारतीय नागरिक को मिलता है. लगभग सभी जरूरी सेवाओं के लिए लोगों को आधार का इस्तेमाल करना होता है.
अब ठीक हो चुकी है दिक्कत?
अतुल नायर ने इस डेटा लीक की जानाकारी को Medium पर शेयर किया है. उन्होंने इसका एक स्क्रीनशॉट भी अपने पोस्ट में शेयर किया था. हालांकि, अब इस दिक्कत को ठीक कर लिया गया है.
रिपोर्ट्स की मानें तो नायर ने इस दिक्कत की जानकारी 29 जनवरी 2022 को Indian Computer Emergency Response Team (CERT-In) को दे दी थी. इस पर CERT-In ने बताया था कि उनकी रिपोर्ट को जिम्मेदार अथॉरिटीज तक फॉर्वर्ड कर दिया गया है.
26 फरवरी 2022 को CERT-In ने नयार को बताया कि जिम्मेदार संस्था ने अभी तक वूलनेरेबिलिटी फिक्स को कन्फर्म नहीं किया है. मामले को उचित एक्शन के लिए पहले ही भेज दिया गया है
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