किसानों को फसल नुकसान की भरपाई के लिए सरकार
की ओर से चलाई जा रही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की अंतिम तिथि एक बार फिर बढ़ा
दी गई है। अब किसान 9 अगस्त तक अपनी खरीफ फसलों का बीमा करा सकेंगे। समाचार पत्रों
मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार मध्यप्रदेश कृषि संचालनालय ने भारत सरकार के
दिशा-निर्देश पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की अंतिम तिथि 9 अगस्त 2021 कर दी
है। इसके साथ ही टेंडर एवं जिलेवार,
फसलवार स्केल ऑफ फायनेंस की सूची भी जारी कर दी
है। जानकारी के मुताबिक कृषि विभाग ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ 2021 के
तहत बैंकों द्वारा कृषक अंश प्रीमियम लिए जाने की अंतिम तिथि 9 अगस्त 2021 तय की
है इसके पूर्व बीमा की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2021 थी। कृषकों के फसल बीमा के पंजीयन
के लिए अंतिम तिथि 16 अगस्त 2021 निर्धारित की है। इसके साथ ही संस्थागत वित्त, राज्य
स्तरीय बैंकर्स समिति एवं अपेक्स बैंक से कहा गया है कि फसल बीमा योजना के
प्रावधान के मुताबिक कृषक अंश प्रीमियम समय-सीमा में लेकर बैंकों को शीघ्र
कार्यवाही करने के निर्देश दें।
मीडिया से मिली जानकारी के आधार पर मध्यप्रदेश
की शिवराज सिंह चौहान सरकार की ओर से साल 2020 में लॉकडाउन के दौरान प्रदेश के 15
लाख किसानों को फसल बीमा की कुल 2990 करोड़ की बीमा राशि भुगतान सीधे उनके खातों
में किया गया। जानकारी के मुताबिक 2018 में प्रदेश के 35 लाख किसानों की ओर से
अपनी खरीफ की फसलों का बीमा कराया गया था। उनमें से 8.40 लाख किसानों को 19 सौ 30
करोड़ रुपए की बीमा राशि प्राप्त हुई। इसी प्रकार रबी 2018-19 में प्रदेश के 25
लाख किसानों की ओर से रबी फसलों का बीमा कराया गया था, इनमें
से 6.60 लाख किसानों को 10 सौ 60 करोड़ रुपए की बीमा राशि प्राप्त हुई। इसके
बावजूद इस साल किसान खरीफ की फसल का बीमा कराने में कम रूचि दिखा रहे हैं। इस
देखते हुए राज्य सरकार ने फसल बीमा की अंतिम तिथि को आगे बढ़ा दिया है ताकि
प्राकृतिक आपदा से फसलों को नुकसान पहुंचने की दशा में किसानों होने वाली क्षति की
पूर्ति की जा सके।
फसल बीमा के लिए आवेदन हेतु कौनसे दस्तावेज है
जरूरी
फसल बीमा कराने के लिए आपके पास कृषि योग्य
भूमि का दस्तावेज, भूमि
कब्जा प्रमाण पत्र, आधार
कार्ड, प्रथम
पृष्ठ -बैंक खाते के विवरण के साथ बैंक पासबुक, फसल बुवाई प्रमाण पत्र (यदि राज्य सरकार की
अधिसूचना में अनिवार्य हो) की आवश्यकता होती है। इसके अलावा बटाईदार किसानों या
किराए की जमीन पर भी खेती करने वालों को भी बीमा सुविधा का लाभ दिया जाता है। ऐसे
व्यक्तियों के लिए भूमि स्वामी के साथ करार, किराया या पट्टा दस्तावेज देना अनिवार्य होता
है। इस स्थिति में इस बात का जरूर ध्यान रखें कि जिसके खेत में बुआई की गई है उसके
साथ करार की कॉपी की फोटोकॉपी जरूर ले जाएं। इस पेपर में खेत का खाता/ खसरा नंबर
साफ तौर पर लिखा होना चाहिए। पैसा सीधे आपके बैंक खाते में पाने के लिए एक रद्द
चेक लगाना जरूरी है।
कैसे मिलेगा फसल बीमा का लाभ
स्थानीय आपदाओं और फसल कटाई के बाद के नुकसान
की क्षति का आकलन व्यक्तिगत बीमाकृत कृषि स्तर के आधार पर किया जाएगा और इसलिए
किसान / नामित एजेंसियों द्वारा नुकसान की जानकारी दर्ज करना आवश्यक है। किसान को
72 घंटे के भीतर बीमा कंपनी,
संबंधित बैंक, स्थानीय कृषि विभाग सरकार / जिला अधिकारियों या
हमारे टोल फ्री नंबर (1800 200 7710) के माध्यम से या राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल
पर सूचना देनी जरूरी होगी। संबंधित बीमा कंपनी के साथ पंजीकरण करने के लिए एजेंसी
/ विभाग को अतिरिक्त 24 घंटे में सूचना देना आवश्यक होगा। इसके बाद इंश्योरेंस
कंपनी की तरफ से फसल नुकसान का आकलन कर बीमा राशि का भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।
0 टिप्पणियाँ
Please do not enter any spas Link in the comment box.